Headline
मुख्यमंत्री धामी ने सौंग बांध परियोजना पर विस्थापन की कार्यवाही जल्द करने के दिए निर्देश
मुख्यमंत्री धामी ने सौंग बांध परियोजना पर विस्थापन की कार्यवाही जल्द करने के दिए निर्देश
ईरान में हिजाब विरोधी प्रदर्शन- अंडरगारमेंट्स में घूमते हुए युवती को किया गया रिहा
ईरान में हिजाब विरोधी प्रदर्शन- अंडरगारमेंट्स में घूमते हुए युवती को किया गया रिहा
केदारनाथ विधानसभा के प्रत्याशियों की तकदीर ईवीएम में हुई कैद
केदारनाथ विधानसभा के प्रत्याशियों की तकदीर ईवीएम में हुई कैद
सर्दियों में टूटने लगे हैं बाल तो इस चीज से करें मालिश, नहीं होगा नुकसान
सर्दियों में टूटने लगे हैं बाल तो इस चीज से करें मालिश, नहीं होगा नुकसान
उत्तराखण्ड बन रहा है खिलाड़ियों के लिए अवसरों से भरा प्रदेश- खेल मंत्री रेखा आर्या
उत्तराखण्ड बन रहा है खिलाड़ियों के लिए अवसरों से भरा प्रदेश- खेल मंत्री रेखा आर्या
क्रेश बैरियरों की खराब स्थिति को लेकर महाराज ने रोष जाहिर किया
क्रेश बैरियरों की खराब स्थिति को लेकर महाराज ने रोष जाहिर किया
दूरस्थ क्षेत्र पैठाणी में होगा उच्च शिक्षा को लेकर महामंथन
दूरस्थ क्षेत्र पैठाणी में होगा उच्च शिक्षा को लेकर महामंथन
पाकिस्तान की हिमाकत पर कोई हैरानी नहीं
पाकिस्तान की हिमाकत पर कोई हैरानी नहीं
दिल्ली के लिए उत्तराखंड से 310 बसों का होगा संचालन, 194 पर लगा प्रतिबंद
दिल्ली के लिए उत्तराखंड से 310 बसों का होगा संचालन, 194 पर लगा प्रतिबंद

क्यों बढ़ रही प्याज-टमाटर और दाल की कीमत, यहां जानें क्या कहता है इकनॉमिक सर्वे रिपोर्ट

क्यों बढ़ रही प्याज-टमाटर और दाल की कीमत, यहां जानें क्या कहता है इकनॉमिक सर्वे रिपोर्ट

नई दिल्ली। बीते कुछ सालों में टमाटर, प्याज और अन्य सब्जियों की बढ़ती कीमतों को लेकर आर्थिक सर्वेक्षण में बड़ी टिप्पणी की गई. संसद में पेश किए गए आर्थिक सर्वेक्षण में कहा गया है कि पिछले दो वर्षों में खराब मौसम, जलाशयों के कम स्तर और फसल नुकसान ने कृषि उत्पादन को प्रभावित किया और खाद्य पदार्थों की कीमतों में बढ़ोतरी हुई।

इसमें कहा गया है कि मौसम की विपरीत स्थिति ने सब्जियों और दालों के उत्पादन की संभावनाओं को प्रभावित किया है. रिपोर्ट में कहा गया है, ‘वित्त वर्ष 2023 और 2024 में, कृषि क्षेत्र मौसम की घटनाओं, जलाशयों के निचले स्तर और क्षतिग्रस्त फसलों से प्रभावित हुआ।

सब्जियों की कीमतों पर मौसम की मार
रिपोर्ट में कहा गया, ‘इस वजह से कृषि उत्पादन और खाद्य कीमतों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा. इसलिए, उपभोक्ता खाद्य मूल्य सूचकांक (सीएफपीआई) पर आधारित खाद्य मुद्रास्फीति वित्त वर्ष 22 में 3.8 प्रतिशत से बढ़कर वित्त वर्ष 23 में 6.6 प्रतिशत और वित्त वर्ष 24 में 7.5 प्रतिशत हो गई।

जलवायु परिवर्तन के कारण कीमतों में बढ़ोतरी
आर्थिक सर्वेक्षण में कहा गया है कि पिछले दो वर्षों में खाद्य मुद्रास्फीति एक वैश्विक घटना रही है और शोध से पता चलता है कि जलवायु परिवर्तन के कारण खाद्य कीमतों में बढ़ोतरी हो रही है।

दस्तावेज में तर्क दिया गया है कि मौसमी परिवर्तन, क्षेत्र-विशिष्ट फसल रोग जैसे कि सफेद मक्खी का संक्रमण, मानसून की बारिश का समय से पहले आना और भारी वर्षा के कारण अलग-अलग क्षेत्रों में आवाजाही में दिक्कत के कारण टमाटर की कीमतों में उछाल आया।

सरकार ने बताए ये कारण
प्याज की कीमतों में वृद्धि का कारण पिछले कटाई सीजन के दौरान हुई बारिश, बुवाई में देरी, लंबे समय तक सूखा और अन्य देशों द्वारा व्यापार संबंधी उठाए गए कदम थे. सर्वेक्षण में कहा गया है, ‘पिछले दो वर्षों में प्रतिकूल मौसम की वजह से कम उत्पादन के कारण दालों, विशेष रूप से तुअर की कीमतों में वृद्धि हुई है. रबी सीजन में धीमी बुआई के साथ-साथ दक्षिणी राज्यों में जलवायु संबंधी गड़बड़ी के कारण उड़द का उत्पादन प्रभावित हुआ है।

 फिर आसमान छू रहे टमाटर के दाम
सरकार ने सब्जियों की बढ़ती कीमतों को लेकर आर्थिक सर्वेक्षण में मौसम को कारण बताया है. इसी बीच दिल्ली-एनसीआर में टमाटर के दाम आसमान छुने लगे हैं. देश के विभिन्न हिस्सों में बारिश के कारण खाद्य पदार्थों की आपूर्ति प्रभावित होने से राष्ट्रीय राजधानी में टमाटर का भाव 100 रुपये प्रति किलोग्राम तक पहुंच गया।

दिल्ली में मदर डेयरी के खुदरा बिक्री केंद्र ‘सफल’ पर टमाटर 100 रुपये प्रति किलोग्राम के भाव पर उपलब्ध हैं. उपभोक्ता मामलों के विभाग के आंकड़ों के अनुसार दिल्ली में टमाटर की खुदरा कीमत 93 रुपये प्रति किलोग्राम थी. सरकारी आंकड़ों के अनुसार 20 जुलाई को टमाटर का अखिल भारतीय औसत मूल्य 73.76 रुपये प्रति किलोग्राम था।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back To Top