स्टेडियम का संचालन कर रही फर्म मैसर्स देहरादून इन्टीग्रेटेड अरीना लि. ने समेटा बोरिया बिस्तर
देहरादून। एक बड़ी खबर यह सामने आ रही है कि प्रदेश सरकार ने राजीव गांधी अंतराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम का संचालन अपने हाथ में ले लिया है। अभी तक स्टेडियम की जिम्मेदारी संभाल रही कम्पनी ने बोरिया बिस्तर समेट लिया है। शासन से जुड़े सूत्र ने बताया कि नेशनल कम्पनी लॉ ट्रिब्यूनल के निर्देशों का अनुपालन न किये जाने के कारण राजीव गांधी अंतराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम के संचालन हेतु अधिकृत की गई फर्म मैसर्स देहरादून इन्टीग्रेटेड अरीना लि. से सम्पत्ति को खाली कर दिया है। और शनिवार को राज्य सरकार ने स्टेडिमनक नियंत्रण अपने हाथ में लिया है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर ये निर्णय लिया गया है। इससे राज्य में खेल परिसम्पत्तियों के संरक्षण एवं आगामी राष्ट्रीय खेलों के सफल आयोजन में भी मदद मिलेगी। उल्लेखनीय है कि राजीव गाँधी अन्तर्राष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम के संचालन का जिम्मा निविदा के आधार पर मैसर्स आईटीयूएएल को दिया गया था। देहरादून इन्टीग्रेटेड अरीना लि० कम्पनी ने मई 2018 में राज्य सरकार के साथ अनुरक्षण एवं संचालन का एमओयू किया था। कोविड महामारी काल में उक्त कंपनी ने स्टेडियम के संचालन हेतु पर्याप्त वित्तीय संसाधन के अभाव में इन्सोल्वेन्सी हेतु एनसीएलटी में वाद दायर किया गया था।
एन०सी०एल०टी द्वारा इस हेतु आई०आर०पी० अन्सुल पठानिया को रिजोल्यूशन प्लान बनाने की जिम्मेदारी सौंपी। नवम्बर, 2023 में मा० एनसीएलटी द्वारा मैसर्स ट्राइवर इन्टरप्राइजेज के रिजोल्यूशन प्लान को स्वीकार करते हुये आदेश निर्गत किये गये थे। परन्तु उक्त कम्पनी द्वारा नई संचालन एजेंसी के रूप में राज्य सरकार से ना तो अनुमोदन प्राप्त किया गया ना ही मूल अनुबंधी शर्तों के अनुरूप एस्क्रो खाता खोला गया। और न ही अपेक्षित बैंक गारंटी उपलब्ध करायी गई। स्टेडियम में कार्यक्रम आयोजन हेतु विभिन्न संस्थाओं से धनराशि बुकिंग हेतु ली गयीं।
मा० एन०सी०एल०टी के निर्णय उपरान्त मे० देहरादून इन्टीग्रेटेड अरीना लि० को अनुबन्ध की नियमों के पालन हेतु दिनांक 12 दिसम्बर 2023 को अनुबन्ध की शर्तों अनुसार नोटिस दिया गया था। लेकिन नोटिस का संज्ञान नहीं लिया गया तथा प्रतिनिधियों द्वारा बैठक हेतु समय मांगने उपरान्त भी बैठक हेतु नहीं आये।
नयी संस्था द्वारा की जा रही बुकिंग के विरूद्ध थाना रायपुर मे एक प्राथमिकी भी पीड़ित संस्था द्वारा दर्ज की गयी है । राज्य एवं परिसंम्पत्ति के संरक्षण हित 13 फरवरी को पुनः नोटिस जारी कर संपत्ति को खाली करने के निर्देश दिये गये थे । और आज 17 फरवरी को संस्था ने परिसर को रिक्त कर दिया गया है एवं राज्य सरकार द्वारा जन हित में स्टेडियम का नियंत्रण ले लिया गया है।