अशोक शर्मा
भारत बहुत पहले से ही ‘दुनिया का दवाखाना’ कहा जाता है क्योंकि यहां से भारी मात्रा में दवाइयां और टीके निर्यात किये जाते हैं। स्वास्थ्य सेवा की गुणवत्ता बढ़ने के साथ-साथ कई देशों के मरीज सस्ता और अच्छा इलाज कराने के लिए भारत आ रहे हैं। आकलन है कि इस वर्ष 73 लाख मेडिकल पर्यटक भारत आयेंगे। साल 2020-21 के मेडिकल टूरिज्म सूचकांक में भारत 10वें स्थान पर था। उल्लेखनीय है कि दूसरे देशों के मरीज केवल दिल्ली या मुंबई जैसी जगहों पर ही नहीं जा रहे हैं, बल्कि वड़ोदरा, हैदराबाद आदि कई शहर उनके गंतव्य बन रहे हैं। एक ओर जहां विदेशी रोगियों को गुणवत्तापूर्ण उपचार अपेक्षाकृत कम खर्च में उपलब्ध हो रहा है, वहीं दूसरी ओर अस्पतालों, शहरों और राज्यों को भी फायदा हो रहा है। अस्पताल ऐसे रोगियों के लिए विशेष व्यवस्था कर रहे हैं।
अनेक राज्य सरकारें भी संबंधित परियोजनाएं ला रही हैं। मसलन, हैदराबाद में एक हजार एकड़ क्षेत्र में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य पर्यटन परिसर बनाने की घोषणा की गयी है। ऐसी ही एक परियोजना पुणे में भी लायी जा रही है। महानगरों के निकट स्थित शहरों में ऐसी व्यवस्थाओं के विस्तार की बड़ी संभावनाएं हैं क्योंकि वहां आवागमन की भी अधिक सुविधा है तथा विशेषज्ञ एवं आवश्यक उपकरण भी उपलब्ध हैं। इस तरह की सुविधाएं बढ़ने से भारतीय रोगियों को भी लाभ होगा। भारत सरकार सरकारी स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर करने के साथ-साथ निजी अस्पतालों के विकास को प्रोत्साहित कर रही है। देशी-विदेशी पर्यटन बढ़ाने के लिए भी अनेक कार्यक्रम चलाये गये हैं। वीजा नियमों एवं प्रक्रियाओं को भी सरल किया जा रहा है। कुछ लोग वैकल्पिक उपचार के लिए भी आते हैं।
आयुर्वेद केंद्र के रूप में केरल की बड़ी प्रतिष्ठा है, तो मैसूर, ऋषिकेश आदि कुछ जगह योग के लिए प्रसिद्ध हैं। परंपरागत पद्धतियों को बढ़ावा देने एवं शरीर को स्वस्थ रखने के लिए चलाये जा रहे कार्यक्रमों से भी मेडिकल पर्यटन में बढ़ोतरी की उम्मीद है। हालांकि विश्व स्वास्थ्य संगठन के मानकों के हिसाब से हमारे देश में डॉक्टरों एवं नर्सों की तादाद कम है, पर बड़े शहरों में चिकित्साकर्मियों का घनत्व अधिक होने से मेडिकल पर्यटन पर इस अभाव का असर नहीं होता। विशेषज्ञता और गुणवत्ता में भारत की गिनती उच्च स्तरीय देशों में होती है। रोगियों को अधिक इंतजार नहीं करना पड़ता तथा सस्ते आवास की अच्छी उपलब्धता भी है। यहां रोगी अपनी निजता को लेकर भी निश्चिंत रहते हैं। आशा है कि मेडिकल टूरिज्म में हम शीघ्र ही अग्रणी देश बन जायेंगे।