Headline
सीआईएमएस एंड यूआईएचएमटी ग्रुप ऑफ कॉलेज देहरादून आपदा प्रभावितों को नि:शुल्क उच्च शिक्षा के लिए प्रतिबद्ध- ललित जोशी
सीआईएमएस एंड यूआईएचएमटी ग्रुप ऑफ कॉलेज देहरादून आपदा प्रभावितों को नि:शुल्क उच्च शिक्षा के लिए प्रतिबद्ध- ललित जोशी
सरकार होम स्टे योजना को बढ़ावा देकर युवाओं को स्वरोजगार से जोड़ रही है- महाराज
सरकार होम स्टे योजना को बढ़ावा देकर युवाओं को स्वरोजगार से जोड़ रही है- महाराज
सुबह उठने पर महसूस होती है थकान? ऊर्जा के लिए खाएं ये 5 खाद्य पदार्थ
सुबह उठने पर महसूस होती है थकान? ऊर्जा के लिए खाएं ये 5 खाद्य पदार्थ
मुख्यमंत्री धामी ने जौलजीबी मेला-2024 का किया शुभारंभ
मुख्यमंत्री धामी ने जौलजीबी मेला-2024 का किया शुभारंभ
‘टीरा’ ने जियो वर्ल्ड प्लाजा में लॉन्च किया लग्जरी ब्यूटी स्टोर
‘टीरा’ ने जियो वर्ल्ड प्लाजा में लॉन्च किया लग्जरी ब्यूटी स्टोर
फिल्म स्टार मनोज बाजपेई को जमीन खरीदवाने के लिए ताक पर रख दिए गए नियम- कायदे 
फिल्म स्टार मनोज बाजपेई को जमीन खरीदवाने के लिए ताक पर रख दिए गए नियम- कायदे 
चीन सीमा पर तैयारियां तेज, भारतीय सेना 2025 में करेगी हल्के टैंक ‘जोरावर’ का परीक्षण
चीन सीमा पर तैयारियां तेज, भारतीय सेना 2025 में करेगी हल्के टैंक ‘जोरावर’ का परीक्षण
झूठी अफवाह फैलाकर केदारनाथ धाम पर बेवजह राजनीति कर रही है कांग्रेस- महाराज
झूठी अफवाह फैलाकर केदारनाथ धाम पर बेवजह राजनीति कर रही है कांग्रेस- महाराज
तीसरे टी20 मुकाबले में भारत ने दक्षिण अफ्रीका को 11 रनों से हराया, सीरीज में 2-1 की बनाई बढ़त
तीसरे टी20 मुकाबले में भारत ने दक्षिण अफ्रीका को 11 रनों से हराया, सीरीज में 2-1 की बनाई बढ़त

दिल्ली हाई कोर्ट का अहम फैसला, पॉक्सो एक्ट के तहत महिलाएं भी हो सकती हैं आरोपी

दिल्ली हाई कोर्ट का अहम फैसला, पॉक्सो एक्ट के तहत महिलाएं भी हो सकती हैं आरोपी

नई दिल्ली। दिल्ली हाई कोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है, जिसमें यह स्पष्ट किया गया है कि किसी बच्चे पर ‘प्रवेशन लैंगिक हमले’ के मामले में महिलाओं को भी आरोपी बनाया जा सकता है। कोर्ट ने कहा कि यौन अपराधों के लिए अदालती कार्यवाही केवल पुरुषों तक सीमित नहीं है; अब महिलाओं को भी इस प्रकार की कार्यवाही का सामना करना पड़ सकता है।

महिलाओं के खिलाफ भी होगी कार्यवाही
न्यायमूर्ति अनूप जयराम भंभानी ने कहा कि पॉक्सो अधिनियम बच्चों को यौन अपराधों से बचाने के लिए बनाया गया था, और इसके तहत अपराध चाहे पुरुष द्वारा किया गया हो या महिला द्वारा, कार्यवाही दोनों के खिलाफ की जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि ऐसा कोई कारण नहीं है कि धारा-3 (प्रवेशन लैंगिक हमला) में प्रयुक्त शब्द ‘व्यक्ति’ को केवल ‘पुरुष’ के संदर्भ में समझा जाए।

क्या था मामला?
यह फैसला एक महिला आरोपी की याचिका पर आया था, जिसमें उसने यह तर्क दिया था कि वह महिला होने के कारण उस पर ‘प्रवेशन लैंगिक हमला’ का आरोप नहीं लगाया जा सकता। आरोपी ने अपने खिलाफ आरोप तय करने पर सवाल उठाते हुए कहा था कि धारा-3 में ‘वह’ शब्द का इस्तेमाल केवल पुरुष अपराधी के लिए किया गया है।

अदालत का तर्क
हालांकि, अदालत ने यह स्पष्ट किया कि पॉक्सो अधिनियम की धारा-तीन और पांच (गंभीर प्रवेशन लैंगिक हमला) के तहत उल्लिखित कृत्य अपराधी की लैंगिक स्थिति की परवाह किए बिना अपराध माने जाएंगे, बशर्ते कि ये कृत्य किसी बच्चे पर किए गए हों।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back To Top