Headline
मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन ने सिंचाई विभाग की चेक डैम योजनाओं की समीक्षा की
मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन ने सिंचाई विभाग की चेक डैम योजनाओं की समीक्षा की
चारधाम यात्रियों की संख्या में हो रहा है इजाफा- महाराज
चारधाम यात्रियों की संख्या में हो रहा है इजाफा- महाराज
यात्रा मार्ग पर 25 स्थानों पर मिल रही ई चार्जिंग की सुविधा
यात्रा मार्ग पर 25 स्थानों पर मिल रही ई चार्जिंग की सुविधा
चुनाव में पारदर्शिता के लिए आयोग सख्त, व्यय विवरण न देने वालों पर होगी कार्रवाई
चुनाव में पारदर्शिता के लिए आयोग सख्त, व्यय विवरण न देने वालों पर होगी कार्रवाई
क्या आप भी करते हैं गर्मियों में अधिक आम का सेवन, अगर हां, तो जान लीजिये इसके नुकसान  
क्या आप भी करते हैं गर्मियों में अधिक आम का सेवन, अगर हां, तो जान लीजिये इसके नुकसान  
भारत का रक्षा निर्यात नई ऊंचाइयों पर, आत्मनिर्भरता बनी सफलता की कुंजी- रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह
भारत का रक्षा निर्यात नई ऊंचाइयों पर, आत्मनिर्भरता बनी सफलता की कुंजी- रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह
एक लाख की रिश्वत के साथ आईएसबीटी चौकी प्रभारी गिरफ्तार
एक लाख की रिश्वत के साथ आईएसबीटी चौकी प्रभारी गिरफ्तार
आईटीडीए को मजबूत करने के निर्देश, भविष्य की जरूरतों को ध्यान में रखकर सिस्टम अपग्रेड का आह्वान
आईटीडीए को मजबूत करने के निर्देश, भविष्य की जरूरतों को ध्यान में रखकर सिस्टम अपग्रेड का आह्वान
कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने सिंचाई विभाग के अधिकारियों के साथ की बैठक 
कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने सिंचाई विभाग के अधिकारियों के साथ की बैठक 

बर्फ से ढके रहने वाले क्षेत्रों में पहली बार नजर आ रहे हैं सूखे पहाड़

बर्फ से ढके रहने वाले क्षेत्रों में पहली बार नजर आ रहे हैं सूखे पहाड़

पिथौरागढ़। जनवरी में बर्फ से ढ़के रहने वाले उच्च हिमालय के पहाड़ इस बार सूखे नजर आ रहे हैं। पहली बार नवंबर से अब तक उच्च हिमालयी क्षेत्र से लगे इलाकों में इस तरह के हालात नजर आ रहे हैं। पिछले साल तक इन क्षेत्रों में तीन से चार फीट तक बर्फ पड़ जाती थी। मौसम का यह परिवर्तन स्थानीय लोगों को भी हैरान कर रहा है। जनवरी का पहला सप्ताह बीत गया है। उच्च हिमालय से लगे इलाकों में एक बार भी मौसम मेहरबान नहीं हुआ है। 15 नवंबर 2022 से लेकर 1 दिसंबर 2023 तक के बीच 4 बार हल्की बर्फबारी हुई ।

हिमाच्छादित रहने वाले क्षेत्र मिलन,रालम,नित्वाल्थौड, लास्पा,छिपला केदार में बर्फबारी नहीं हुई है। स्थिति यह है कि समद्र सतह से 10 हजार फीट से अधिक की ऊंचाई वाले हिमालयी क्षेत्र में जहां चार फीट से अधिक बर्फ रहती थी वहां बर्फबारी नहीं होने से पूरी तरह से सूखे पहाड़ नजर आ रहे हैं। पिछले साल जनवरी पहले सप्ताह तक इन क्षेत्रों में 25 बार बर्फबारी हो गई थी। इस तरह अब मौसम में यह बदलाव हिमालयी जन जीवन के साथ खेती व बागवानी को भी प्रभावित करेगा। इस सीजन में कम बर्फबारी हुई तो इससे ग्रीष्म काल में नदियों का जल प्रवाह भी कम होगा। जिससे मैदानी क्षेत्रों में सिंचाई व्यवस्था भी प्रभावित होगी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back To Top