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नये अधिवक्ताओं की लड़ाई लड़ेंगे एडवोकेट सुंदरियाल, देहरादून बार एसोसिएशन में अध्यक्ष पद के हैं दावेदार

नये अधिवक्ताओं की लड़ाई लड़ेंगे एडवोकेट सुंदरियाल, देहरादून बार एसोसिएशन में अध्यक्ष पद के हैं दावेदार

यूसीसी के आनलाइन रजिस्ट्रेशन प्रावधान का करेंगे विरोध, चैंबर्स के लिए लड़ेंगे अधिवक्ताओं की लड़ाई एडवोकेट सुंदरियाल

देहरादून। देहरादून बार एसोसिएशन के चुनाव 24 फरवरी को होंगे। बार एसोसिएशन अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ रहे वरिष्ठ अधिवक्ता सुरेंद्र कुमार सुंदरियाल का कहना है कि यूसीसी का विरोध करेंगे। उन्होंने कहा कि यूसीसी में शादी और लिव इन रिलेशन का आनलाइन पंजीकरण करने की कवायद की जा रही है यह गलत है। उन्होंने कहा कि इससे नये और जूनियर अधिवक्ताओं का रोजगार अप्रत्यक्ष तौर पर प्रभावित हो रहा है। इसके अलावा उन्होंने कहा कि नये अधिवक्ताओं को मानदेय देने की वकालत की है।

देहरादून बार एसोसिएशन के चुनाव में पहली बार कोई प्रैक्टिशनर एडवोकेट अध्यक्ष पद के लिए चुनाव मैदान में है। इस संबंध में एडवोकेट सुरेंद्र कुमार सुंदरियाल का कहना है कि अब तक गैर-प्रैक्टिशनर ही एसोसिएशन के अध्यक्ष रहे हैं। उन्होंने कहा कि इससे अधिवक्ताओं का सम्मान कम हुआ है। ये अधिवक्ता सरकार के साथ प्रैक्टिशनर अधिवक्ताओं की समस्याओं और उनका समाधान करने में असफल साबित हो रहे हैं। जो सम्मान अधिवक्ताओं को मिलना चाहिए था, वह नहीं मिल रहा है। एडवोकेट सुंदरियाल नेे कहा कि वह वकीलों के लिए चैंबर्स की लड़ाई लड़ेंगे।

एडवोकेट सुंदरियाल नेे कहा कि निर्वतमान पदाधिकारियों ने यदि प्रयास किये होते तो अदालत के साथ ही चैंबर्स भी बन गये होते। चैंबर्स के लिए अब अधिवक्ताओं की लड़ाई वह लड़ेंगे। बार में चार हजार सदस्य हैं और चैंबर्स केवल हजार-बारह सौ सदस्यों के लिए बनेंगे। उन्होंने कहा कि अधिवक्ताओं का विस्थापन सम्मानजनक होना चाहिए।

एडवोकेट सुंदरियाल के मुताबिक नये अधिवक्ता मैरिज पंजीकरण और जमीनों की रजिस्ट्री से कुछ कमा लेते थे लेकिन अब यूसीसी से आनलाइन पंजीकरण और रजिस्ट्री होगी। ऐसे में अप्रत्यक्ष तौर पर नये अधिवक्ताओं की रोजी-रोटी प्रभावित होगी। इसके अलावा नये अधिवक्ताओं को स्टाइफंड की व्यवस्था हो। उन्होंने कहा कि अधिवक्ताओं के हितों की लड़ाई लड़ने के लिए हरसंभव प्रयास करेंगे।

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