Headline
मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन ने सिंचाई विभाग की चेक डैम योजनाओं की समीक्षा की
मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन ने सिंचाई विभाग की चेक डैम योजनाओं की समीक्षा की
चारधाम यात्रियों की संख्या में हो रहा है इजाफा- महाराज
चारधाम यात्रियों की संख्या में हो रहा है इजाफा- महाराज
यात्रा मार्ग पर 25 स्थानों पर मिल रही ई चार्जिंग की सुविधा
यात्रा मार्ग पर 25 स्थानों पर मिल रही ई चार्जिंग की सुविधा
चुनाव में पारदर्शिता के लिए आयोग सख्त, व्यय विवरण न देने वालों पर होगी कार्रवाई
चुनाव में पारदर्शिता के लिए आयोग सख्त, व्यय विवरण न देने वालों पर होगी कार्रवाई
क्या आप भी करते हैं गर्मियों में अधिक आम का सेवन, अगर हां, तो जान लीजिये इसके नुकसान  
क्या आप भी करते हैं गर्मियों में अधिक आम का सेवन, अगर हां, तो जान लीजिये इसके नुकसान  
भारत का रक्षा निर्यात नई ऊंचाइयों पर, आत्मनिर्भरता बनी सफलता की कुंजी- रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह
भारत का रक्षा निर्यात नई ऊंचाइयों पर, आत्मनिर्भरता बनी सफलता की कुंजी- रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह
एक लाख की रिश्वत के साथ आईएसबीटी चौकी प्रभारी गिरफ्तार
एक लाख की रिश्वत के साथ आईएसबीटी चौकी प्रभारी गिरफ्तार
आईटीडीए को मजबूत करने के निर्देश, भविष्य की जरूरतों को ध्यान में रखकर सिस्टम अपग्रेड का आह्वान
आईटीडीए को मजबूत करने के निर्देश, भविष्य की जरूरतों को ध्यान में रखकर सिस्टम अपग्रेड का आह्वान
कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने सिंचाई विभाग के अधिकारियों के साथ की बैठक 
कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने सिंचाई विभाग के अधिकारियों के साथ की बैठक 

जोशीमठ भू धंसाव- हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को दो सप्ताह का दिया समय

जोशीमठ भू धंसाव- हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को दो सप्ताह का दिया समय

उत्तराखण्ड सरकार एनडीएमए की रिपोर्ट पर अपना अंतिम निर्णय ले- हाईकोर्ट

विष्णुगाड तपोवन जल विद्युत् परियोजना में गतिविधियां पुनः शुरू करने पर लेना है फैसला

नैनीताल। जोशीमठ भू धंसाव के सम्बन्ध में दाखिल जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए उच्च न्यायालय ने उत्तराखंड सरकार को दो सप्ताह का अतिरिक्त समय दिया है । सुनवाई में हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को कहा कि वह राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) की रिपोर्ट पर अपना अंतिम निर्णय लेकर उच्च न्यायालय की खंडपीठ को अवगत कराये।

गौरतलब है कि चिपको आंदोलन एवं उत्तराखंड राज्य आंदोलन से जुड़े रहे केंद्रीय अध्यक्ष पी० सी० तिवारी ने यह जनहित याचिका इस आशय से दाखिल की थी कि फरवरी 2021 को भी एक बार ग्लेशियर फटा था। उसके कुछ महीनों बाद, जब जोशीमठ में भीषण भू-धंसाव होने लगा।

इस जनहित याचिका में यह आवेदन किया गया कि नेशनल थर्मल पावर कारपोरेशन (एन०टी०पी०सी०) ‌द्वारा जोशीमठ में चलाये जा रहे विष्णुगाड तपोवन जल विद्युत् परियोजना को रोका जाये। एडीएम जोशीमठ ने 05 जनवरी 2023 को सभी निर्माण गतिविधियों पर रोक लगायी थी।

इस जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए उच्च न्यायालय ने 12 जनवरी 2023 को सभी निर्माण गतिविधियों पर रोक लगायी थी जो आतिथि तक गतिमान हैं। क्योंकि पिछली बार, राज्य सरकार ने केवल कुछ घंटों के नोटिस पर याचिकाकर्ता को इस विषय पर बैठक के लिये आमंत्रित किया था।

इस बार न्यायालय द्वारा पुनः राज्य सरकार को आदेशित किया गया है कि वह याचिकाकर्ता और एन० टी० पी० सी० दोनों को सुनवाई का पर्याप्त अवसर दे और उसके बाद एन० डी० एम० ए० के उस रिपोर्ट पर एक निर्णय ले जिसमें यह तय किया जाना है कि विष्णुगाड तपोवन जल विद्युत् परियोजना को अपनी गतिविधियों के लिये मंजूरी दी जाये या नहीं।

यह भी बता दें कि एन टीपीसी लगातार इस परियोजना को पुनः प्रारम्भ करने की बात कर रहा है और वहां पर ब्लास्टिंग गतिविधियों के लिये भी अनुमति चाह रहा है। मामले की सुनवाई मुख्य न्यायाधीश ऋतु बाहरी और जस्टिस आलोक वर्मा की खंडपीठ द्वारा की गई।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back To Top