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क्या धूम्रपान आपकी उम्र 10 साल तक घटा सकता है? आइये जानते हैं क्या कहते हैं स्वास्थ्य विशेषज्ञ

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वैश्विक स्तर पर बढ़ती स्वास्थ्य समस्याओं के लिए हमारी गड़बड़ लाइफस्टाइल और खान-पान की दिक्कतों को बड़ा कारण माना जाता रहा है। हृदय रोग-डायबिटीज हो या कैंसर, इन सभी का मुख्य जड़ बदलती जीवनशैली और गड़बड़ आदतों को माना गया है। इसमें भी जिस आदत के कारण शरीर को सबसे ज्यादा नुकसान हो रहा है वह है- धूम्रपान।

धूम्रपान हमारी सेहत के लिए हानिकारक है, इस बारे में हम सभी बचपन से सुनते आ रहे हैं। इसे सांस की समस्याओं से लेकर फेफड़ों के कैंसर तक के लिए जोखिम कारक माना जाता है। यह कई गंभीर और क्रोनिक बीमारियों का कारक भी है। जिस तरह से कम उम्र के लोगों में ये आदत देखी जा रही है वह और भी चिंता बढ़ाने वाली हो सकती है।

अध्ययन में विशेषज्ञों ने बताया कि धूम्रपान करने वाले लोगों में समय के साथ अंधे-बहरे होने का खतरा भी काफी बढ़ जाता है।

आपकी उम्र भी हो रही है कम

डॉक्टर कहते हैं, धूम्रपान एक धीमा जहर है जो शरीर के हर अंग को नुकसान पहुंचाता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार, हर साल दुनिया भर में 80 लाख से अधिक लोगों की मृत्यु धूम्रपान से जुड़ी बीमारियों से होती है। धूम्रपान करने वालों की औसत आयु धूम्रपान न करने वालों की तुलना में 10 वर्ष तक कम हो सकती है। ऐसे लोगों में समय से पहले मृत्यु का जोखिम अधिक देखा गया है।

क्या आप जानते हैं कि धूम्रपान सिर्फ फेफड़ों की समस्याओं तक सीमित नहीं है। शरीर के कई अन्य अंगों पर भी इसके गंभीर दुष्प्रभाव हो सकते हैं। इतना ही नहीं जिन लोगों को डायबिटीज या हृदय रोगों की समस्या है, उनके लिए धूम्रपान की स्थिति कई प्रकार की जटिलताओं को बढ़ाने वाली भी हो सकती है।

हानिकारक रसायनों के कारण हो रहा नुकसान

ऑस्ट्रेलियन डिपार्टमेंट ऑफ हेल्थ एंड ऐज्ड केयर के विशेषज्ञों के अनुसार कश लेने के 10 सेकंड के भीतर तंबाकू के धुएं में मौजूद जहरीले रसायन आपके मस्तिष्क, हृदय और अन्य अंगों तक पहुंच जाते हैं। धूम्रपान शरीर के लगभग हर हिस्से को नुकसान पहुंचाती है और इससे कई बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है।

यह आदत मस्तिष्क में फील गुड हार्मोन के स्राव को भी प्रभावित करने लगती है जिसके कारण आपको अक्सर उदासी की भावना बनी रह सकती है।

अंधापन-बहरापन का बन सकती है कारण

अध्ययनकर्ता कहते हैं, धूम्रपान की आदत आंखों और कानों की क्षमता पर गंभीर रूप से असर डालती है। इस आदत के शिकार लोगों के कान में रक्त के प्रवाह की कमी हो सकती है, धूम्रपान करने वालों की सुनने की शक्ति समय से पहले कम हो सकती है, कुछ स्थितियों में इसे बहरेपन का भी कारण माना जाता है।

इसी प्रकार धूम्रपान के कारण मैकुलर डिजनरेशन का खतरा बढ़ जाता है जो उम्र के साथ अंधेपन के मुख्य कारणों में से एक है।

हृदय रोग-मधुमेह की बढ़ सकती हैं जटिलताएं

धूम्रपान हृदय रोग, गंभीर स्थितियों में हार्ट अटैक और स्ट्रोक का कारण भी बन सकती है।
धूम्रपान करने वालों में रक्त के थक्के बनने का खतरा बढ़ जाता है, जो हृदय, मस्तिष्क या पैरों में रक्त के प्रवाह को अवरुद्ध कर देता है।
रक्त परिसंचरण समस्याओं के कारण हार्ट अटैक का जोखिम कई गुना तक बढ़ जाता है।
इसे स्ट्रोक के भी प्रमुख कारकों में एक माना जाता है।

इसी तरह ये आदत टाइप-2 डायबिटीज के विकास और जटिलताओं को बढ़ाने का कारण बनता है। धूम्रपान न करने वालों की तुलना में धूम्रपान करने वालों में डायबिटीज होने या इसकी गंभीर जटिलताओं का खतरा 30 से 40% अधिक पाया गया है।

(साभार)

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