25 वर्षों में पहली बार कोई प्रैक्टिसिंग वकील लड़ रहा देहरादून बार एसोसिएशन के अध्यक्ष पद का चुनाव
देहरादून। प्रदेश की सबसे बड़ी बार एसोसिएशन, देहरादून बार एसोसिएशन में चुनावी माहौल गर्म हो चुका है। इस बार के चुनाव में एक ऐतिहासिक मोड़ आया है, क्योंकि 25 वर्षों में पहली बार कोई प्रैक्टिसिंग वकील बार एसोसिएशन के अध्यक्ष पद के लिए चुनाव लड़ रहा है। सुरेंद्र कुमार सुन्द्रियाल, जो अपने सौम्य, विकासशील और समाजसेवी व्यक्तित्व के लिए जाने जाते हैं, ने अध्यक्ष पद के लिए अपना नामांकन दाखिल किया है। सुन्द्रियाल ने कहा बार एसोसिएशन के हित में जब सभी वकील साथियों ने कहा कि अब चुनाव लड़ना जरूरी हो गया है, तब उन्होंने इस जिम्मेदारी को स्वीकार किया और चुनावी शंख फूंक दिया। सुरेंद्र कुमार सुन्द्रियाल ने आज बड़ी संख्या में अपने समर्थकों के साथ अध्यक्ष पद पर नामांकन दाखिल किया। देहरादून बार एसोसिएशन के चुनावी मैदान में सुरेंद्र कुमार सुन्द्रियाल का नामांकन इस बात का संकेत है कि अब तक चली आ रही परंपराओं में बदलाव आ सकता है। उनके नेतृत्व में बार एसोसिएशन में नई ऊर्जा का संचार हो सकता है और वकील समाज को एक मजबूत और मजबूत दिशा मिल सकती है।
सुरेंद्र कुमार सुन्द्रियाल का नामांकन देहरादून कचहरी में हलचल पैदा कर चुका है। कई कानूनी जानकारों का मानना है कि उनकी शुरुआत ही जीत के आधे मतों से हो सकती है। और अगर रुझान ऐसे ही बने रहते हैं, तो वे इस चुनाव में बड़ा उलटफेर भी कर सकते हैं। इस बार के चुनाव में 24 फरवरी को मतदान होगा और 25 फरवरी को मतगणना होगी। लगभग 4,000 मतदाताओं वाली देहरादून बार एसोसिएशन के चुनाव इस वर्ष खास हो सकते हैं, क्योंकि यहां मुकाबला रोमांचक होने की संभावना जताई जा रही है। 12 फरवरी से नामांकन प्रक्रिया शुरू हो चुकी है और इसके बाद 13 फरवरी को नामांकन पत्रों की जांच और नाम वापसी का दिन रहेगा। इसके बाद 24 फरवरी को मतदान होगा और अगले दिन 25 फरवरी को मतगणना के बाद विजेताओं की घोषणा की जाएगी।
सुरेंद्र कुमार सुन्द्रियाल का चुनावी दृष्टिकोण
सुरेंद्र कुमार सुन्द्रियाल ने अपने नामांकन पत्र में स्पष्ट किया है कि उनका मुख्य उद्देश्य बार एसोसिएशन के भीतर नई व्यवस्था की शुरुआत करना है। उनका मानना है कि बार एसोसिएशन की शक्ति और व्यवस्था की पुनर्स्थापना अब अनिवार्य हो गई है। वे चाहते हैं कि वकील समाज के हितों की रक्षा के लिए एकजुट होकर काम करें और इसके लिए उन्होंने अपनी उम्मीदवारी प्रस्तुत की है। सुन्द्रियाल का कहना है कि बार एसोसिएशन में सही नेतृत्व के अभाव में कई मुद्दों पर अनदेखी हो रही है। उनके अनुसार, वकील समाज के सभी वर्गों को बराबरी का अधिकार मिलना चाहिए, और इसके लिए उन्हें न केवल सरकार से लड़ाई लानी होगी, बल्कि बार एसोसिएशन के भीतर भी एक नई दिशा में काम करना होगा।
चुनावी मुद्दे
सुरेंद्र कुमार सुन्द्रियाल ने कहा इस बार के चुनाव में कई मुद्दे चर्चा का विषय बने हुए हैं। सबसे प्रमुख मुद्दा नए न्यायालय परिसर में अधिवक्ताओं के चेंबर निर्माण का है। पिछले कुछ वर्षों से यह मुद्दा लगातार उभरकर सामने आ रहा है, लेकिन अभी तक इस पर कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं। नए परिसर में अधिवक्ताओं के लिए उचित चेंबर निर्माण की आवश्यकता को लेकर बार एसोसिएशन के भीतर लगातार चर्चा हो रही है। इसके अलावा, अन्य मुद्दों में अधिवक्ताओं की सुरक्षा, उनके लिए सुविधाएं, और न्यायालयों के कार्यकुशलता में सुधार शामिल हैं। यह सभी मुद्दे चुनावी बहस का हिस्सा बने हुए हैं और हर उम्मीदवार इस दिशा में अपनी योजना पेश करने की कोशिश करेगा।
भविष्य की दिशा
सुरेंद्र कुमार सुन्द्रियाल ने कहा मेरा चुनावी अभियान केवल एक व्यक्ति की जीत का नहीं, बल्कि बार एसोसिएशन के समग्र विकास का प्रतीक बनने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। उनका यह मानना है कि यदि सही नेतृत्व मिलेगा, तो बार एसोसिएशन की समस्याओं का समाधान निकाला जा सकता है और वकील समाज को एक नई दिशा मिल सकती है। वहीं, अन्य उम्मीदवारों का कहना है कि वे भी बार एसोसिएशन की मजबूती के लिए काम करेंगे और इस बार एक ऐसी नेतृत्व की आवश्यकता है, जो केवल वकीलों के हितों की रक्षा नहीं, बल्कि उनके पेशेवर विकास के लिए भी काम करे।
मतदान और परिणाम
बार एसोसिएशन के चुनाव में 24 फरवरी को मतदान होगा और 25 फरवरी को मतगणना की जाएगी। मतदान के दौरान, उम्मीदवारों के समर्थक अपनी पूरी ताकत झोंक देंगे। वहीं, कोर्ट के कई जानकारों का मानना है कि इस बार परिणाम किसी बड़े उलटफेर के रूप में सामने आ सकते हैं। अब यह देखना होगा कि 24 फरवरी को मतदान के बाद 25 फरवरी को कौन से चेहरे बार एसोसिएशन के अध्यक्ष पद पर अपनी ताजपोशी करते हैं।