Headline
आईपीएल 2025 के 34वें मुकाबले में आज रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु से भिड़ेगी पंजाब किंग्स
आईपीएल 2025 के 34वें मुकाबले में आज रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु से भिड़ेगी पंजाब किंग्स
आज से अगले दो दिन तक गर्मी से मिलेगी राहत, झोंकेदार हवा का ऑरेंज अलर्ट जारी 
आज से अगले दो दिन तक गर्मी से मिलेगी राहत, झोंकेदार हवा का ऑरेंज अलर्ट जारी 
कर्ज में डूबी अपनी सरकारी एयरलाइन को बेचेगा पाकिस्तान, अगले हफ्ते शुरू होगी बिक्री प्रक्रिया 
कर्ज में डूबी अपनी सरकारी एयरलाइन को बेचेगा पाकिस्तान, अगले हफ्ते शुरू होगी बिक्री प्रक्रिया 
चारधाम यात्रा के लिए खोले जाएंगे ऑफलाइन पंजीकरण काउंटर 
चारधाम यात्रा के लिए खोले जाएंगे ऑफलाइन पंजीकरण काउंटर 
सीएम धामी ने विदेशी घुसपैठियों के खिलाफ तत्काल कठोर कार्यवाही के दिए निर्देश
सीएम धामी ने विदेशी घुसपैठियों के खिलाफ तत्काल कठोर कार्यवाही के दिए निर्देश
साउथ सुपरस्टार सूर्या की आगामी फिल्म ‘रेट्रो’ सेंसर बोर्ड से यूए सर्टिफिकेट के साथ हुई पास 
साउथ सुपरस्टार सूर्या की आगामी फिल्म ‘रेट्रो’ सेंसर बोर्ड से यूए सर्टिफिकेट के साथ हुई पास 
प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में यमुना नदी की सफाई और पुनरुद्धार के लिए हुई उच्च स्तरीय बैठक
प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में यमुना नदी की सफाई और पुनरुद्धार के लिए हुई उच्च स्तरीय बैठक
मुख्यमंत्री धामी से 35वें राष्ट्रीय खेल कूद टेबल टेनिस प्रतियोगिता में जीतने वाले छात्रों की टीम ने की भेंट 
मुख्यमंत्री धामी से 35वें राष्ट्रीय खेल कूद टेबल टेनिस प्रतियोगिता में जीतने वाले छात्रों की टीम ने की भेंट 
26 अप्रैल को उत्तराखंड दौरे पर रहेंगे केंद्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह
26 अप्रैल को उत्तराखंड दौरे पर रहेंगे केंद्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह

यूसीसी के प्रावधानों को दी गई चुनौती, केंद्र व राज्य सरकार को नोटिस जारी

यूसीसी के प्रावधानों को दी गई चुनौती, केंद्र व राज्य सरकार को नोटिस जारी

नैनीताल हाई कोर्ट ने छह सप्ताह में जवाब दाखिल करने का दिया आदेश 

देहरादून। उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता (यूसीसी) के प्रावधान लागू होने के साथ जगह-जगह किए जा रहे विरोध के बीच प्रकरण नैनीताल हाई कोर्ट में पहुंच गया।  नैनीताल हाई कोर्ट ने उत्तराखंड में प्रभावी समान नागरिक संहिता (यूसीसी) के प्रविधानों की चुनौती देती जनहित याचिकाओं पर केंद्र व राज्य सरकार को नोटिस जारी कर छह सप्ताह में जवाब दाखिल करने का आदेश दिया हैं। सुनवाई के दौरान सरकार की ओर से वर्चुअली पेश भारत सरकार के सालिसिटर जनरल तुषार मेहता ने इन याचिकाओं को निर्रथक बताते हुए तर्क दिया कि सरकार ने नैतिक आधार पर यह कानून बनाया है। विधायिका को कानून बनाने का अधिकार है। लिव इन रिलेशनशिप में पंजीकरण से महिलाओं पर अत्याचार में कमी आएगी। मामले में अगली सुनवाई छह सप्ताह बाद नियत की गई है।

बुधवार को मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति जी नरेंद्र व न्यायमूर्ति आशीष नैथानी की खंडपीठ में देहरादून निवासी अल्मशुद्दीन सिद्दीकी, हरिद्वार निवासी इकरा तथा भीमताल नैनीताल निवासी सुरेश सिंह नेगी की अलग अलग जनहित याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई हुई। जिसमें मुस्लिम समुदाय से संबंधित विवाह, तलाक, इद्दत और विरासत के संबंध में समान नागरिक संहिता 2024 के प्रविधानों को चुनौती दी गई है। याचिकाकर्ताओं के वकील कार्तिकेय हरि गुप्ता ने खंडपीठ के समक्ष दलील दी कि कुरान और उसकी आयतों में निर्धारित नियम हर मुसलमान के लिए एक आवश्यक धार्मिक प्रथा हैं।

समान नागरिक संहिता धार्मिक मामलों के लिए प्रक्रिया निर्धारित करता है, जो कुरान की आयतों के विपरीत है। समान नागरिक संहिता भारत के संविधान के अनुच्छेद-25 का उल्लंघन करती है। जिसमें धर्म के पालन और मानने की स्वतंत्रता की गारंटी मिली है। समान नागरिक सहिंता की धारा-390 मुस्लिम समुदाय के सदस्यों के विवाह, तलाक, विरासत के संबंध में रीति-रिवाजों और प्रथाओं को निरस्त करती है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back To Top