गोवा। भारत में कृषि के सर्वोच्च सम्मान ( रफी अहमद किदवई पुरस्कार)से सम्मानित स्व० डाॅ० बी.पी घिल्डियाल स्मृति व्याख्यान में देशभर के कृषि वैज्ञानिक जुटे , कृषि क्षेत्र में किसानों को बेहतर बीज , प्रबन्धन और उपज कि तकनीकों को उपलब्ध कराने पर मंथन ।
आईसीएआर-केंद्रीय तटीय कृषि अनुसंधान संस्थान गोवा व इंडियन सोसाइटी फाॅर एग्रोफिजिक्स द्वारा संयुक्त रूप आयोजित राष्ट्रीय सेमिनार के अंतर्गत स्मृति व्याख्यान के मुख्य वक्ता डाॅ० एक.के सिंह ( कुलपति- रानी लक्ष्मी बाई केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय, झांसी , उत्तरप्रदेश) ने बताया कि मौजूदा समय में खेतों में पैदावार कैसे बढाया जाय जिससे किसानों कि आय को दोगुना करा जा सके , इसके लिए वैज्ञानिकों के अनुसंधानों को खेतों तक पहुंचाने कि प्राथमिकता होनी चाहिए।
छोटी जोत के किसानों पर ज्यादा ध्यान देने कि जरूरत है , नई तकनीक को किसानों तक पहुंचाने से पहले अनुसंधान केंद्रों पर गहन अध्ययन होना चाहिए, डाॅ० सिंह ने बताया कि भारत में सब्जी व उद्यान का क्षेत्रफल बड़ा है , व्याख्यान में मौजूद स्व०डाॅ० घिल्डियाल के पुत्र उदित घिल्डियाल ने परिवार कि तरफ से व्याख्यान के आयोजकों व मौजूद सभी वैज्ञानिकों का धन्यवाद प्रकट किया साथ ही सोसाईटी कि तरफ परिवार कि प्रतिबद्धता को दर्शाते हुए घिल्डियाल परिवार कि ओर से रूपए पांच लाख ( 5,00000) दान कि घोषणा कि , व्याख्यान में मौजूद डा० एस.के चौधरी ( डी.डी.जी , आई.सी.आर ) , डाॅ० वाई.के शिवे ( अध्यक्ष- आई.स.ए.पी),डाॅ० प्रवीण कुमार ( निदेशक-आईसीएआर-केंद्रीय तटीय कृषि अनुसंधान संस्थान गोवा)डाॅ० प्रगति प्रमाणिक, बांग्लादेश से डाॅ० देबाशीष चक्रबर्ती समेत तमाम वैज्ञानिक मौजूद रहे ।